ह्यूमन रिप्रोडक्शन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार पुरुषों की कुछ आदतों के कारण उनमें स्पर्म काउंट कम होने की प्रॉब्लम पैदा हो रही है। इससे भी गंभीर बात यह है कि 80 फीसदी से अधिक पुरुषों को यह पता ही नहीं होता कि उनकी इन आदतों का असर उनकी फर्टिलिटी पर भी पड़ता है।
क्या है स्पर्म काउंट कम होने की साइंटिफिक वजह
बॉडी के टेम्प्रेचर की तुलना में स्क्रूटम (अंडकोश की थैली) का टेम्प्रेचर करीब एक डिग्री कम रहता है। स्क्रूटम का टेम्प्रेचर बढ़ने पर स्पर्म काउंट कम हो सकता है। आज की लाइफस्टाइल में हमने ऐसी कई आदतें एडॉप्ट कर ली हैं जो स्क्रूटम का टेचर बढ़ाती हैं। इसके अलावा स्ट्रेस का भी नेगेटिव असर स्पर्म काउंट पर पड़ता है। जानिए ऐसी आदतों के बारे में जिनकी वजह से स्पर्म काउंट कम होता है। इन्हें तुरंत छोड़ने की सलाह दी जाती है|
रेगुलर नशा करना –
शराब, सिगरेट या अन्य किसी तरह का नशा करने से बॉडी में स्ट्रेस हारमोंस का लेवल बढ़ जाता है. इससे स्पर्म काउंट कम होने लगता है|
लैपटॉप पैर पर रखकर काम करना –
लैपटॉप पैर पर रखकर काम करना –
अगर रेगुलर लैपटॉप को रखकर काम करते है तो इसकी हीट स्क्रुटम (अंडकोश की थेली) तक जाती है. लॉन्ग टाइम तक ऐसा करने इ स्पर्म काउंट घटता है.
टाइट कपडे पहनना –
टाइट कपडे पहनना –
डेली टाइट कपडे पहनने से स्क्रुटम (अंडकोश की थेली) का तापमान बढ़ने लगता है. इसके कारण स्पर्म काउंट घटने लगता है|
पर्याप्त नींद न लेना –
पर्याप्त नींद न लेना –
रेगुलर कम से कम 7 घंटे की नींद न लेने से बॉडी में स्ट्रेस बढ़ाने वाले हार्मोन्स का लेवल बढ़ता है. इससे बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ता है, जिसके कारण स्पर्म काउंट कम होने लगता है|
ज्यादा कॉफ़ी पीना –
ज्यादा कॉफ़ी पीना –
एक हॉस्पिटल की रिसर्च के मुताबिक ज्यादा मात्रा में कॉफ़ी लेने से इसमें मौजूद केफीन स्ट्रेस हार्मोन्स बढाता है. इससे स्पर्म काउंट घटता है
स्ट्रेस में रहना –
स्ट्रेस में रहना –
लगातार स्ट्रेस में रहने से बॉडी में हार्मोनल एम्बलेंस होता है. साथ ही बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ता है. इससे स्पर्म काउंट कम होता है|
सोया प्रोडक्ट –
सोया प्रोडक्ट –
हार्वर्ड स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च के मुताबिक डाइट में ज्यादा सोया प्रोडक्ट लेने से इसमे मौजूद आइसोफ्लेवोन स्पर्म की संख्या कम करता है|
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